हर रोज़ न जाने कितने लोग देश में मर जाते हैं
उनके बारे में न कोई पूछते हैं न ही कोई कुछ सोचते हैं
पर एक गुंडे के मौत पे लोग कितने सवाल उठाते हैं
क्यों मरा कैसे मरा उसकी छानबीन करते हैं
यह मीडिया वाले TRP के पीछे पड़े रहते हैं
और नेता अपनी राजनीति सेंकते रहते हैं
किसीको यहां पे किसीकि भी पड़ी नहीं हैं
यहाँ सब अपने स्वार्थ की ज्वाला में जलते रहते हैं
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